मनमानी ढंग से हो रही पोस्टिंग एवं रिपोस्टिंग प्रकरण में अभी तक नही हुई कार्यवाही उच्च अधिकारी आखिर मौन क्यों
आखिरकार शासन व प्रशासन की कौन सी मजबूरी आ पड़ी है। जो पैतृक ब्लॉक में ए डी ओ पंचायत की पोस्टिंग व रिपोस्टिंग का कर रही है। खेल
✍️अज़ीम अहमद खान
कादीपुर/सुल्तानपुर:- कादीपुर तहसील में नवम्बर 2017 से जमे जमाये
गालीबाज खण्ड विकास अधिकारी आलोक आर्या की कादीपुर में रिपोस्टिंग आखिर क्यों, मां बहन की भद्दी-भद्दी गाली से जनता को नवाजने के बाद आखिरकार फोन पर क्यों मांगते है। माफी, गालीबाज खण्ड विकास अधिकारी आलोक आर्या का ट्रांसफर कादीपुर से दोस्तपुर, दोस्तपुर से अखण्डनगर, अखण्डनगर से पी पी कमैचा, पी पी कमैचा से ट्रांसफर होने के बाद पुनः रिपोस्टिंग कादीपुर ही कर दी गयी। इतना ही नही कादीपुर ब्लॉक से महज 8 किलोमीटर दूर कलिकापुर निवासी राम भारत को ए डी ओ पंचायत कादीपुर का चार्ज सौप दिया गया। जबकि उनका पैतृक ब्लॉक कादीपुर है। और राम भारत इसी ब्लॉक के निवासी भी है। ए डी ओ पंचायत मंगला सिंह का करौंदीकलां ट्रांसफर करने के बाद राम भारत को ए डी ओ पंचायत कादीपुर का चार्ज दे दिया गया। शासन व प्रशासन के पास यैसी कौन सी मजबूरी आ गयी है। कि ख़ास कर इन्ही दोनों लोगो को कादीपुर ब्लॉक का चार्ज दिया गया। क्या इनके पास और अधिकारी नही थे। अधिकारी होंगे भी तो उनसे क्या फायदा होने वाला है। यही दोनों लोग मिलकर उच्च अधिकारियों की जितनी सेवा देते होंगे उतनी सेवा कोई औऱ अधिकारी थोड़ी दे पाएगा। जितना घोटालेबाजी ये लोग करेंगे उतना नए लोग थोड़ी कर पाएंगे। कादीपुर से आलोक आर्या का ट्रांसफर दोस्तपुर कर दिया गया था। उनके स्थान पर आलोक कुमार सिंह को चार्ज दिया गया था। लेकिन उनकी ईमानदारी शासन,प्रशासन व नेताओ को राश नही आयी आलोक कुमार सिंह का कुड़वार ट्रांसफर कर दिया गया। उनके स्थान पर तीन साल की सेवा देने वाले आलोक आर्या को पुनः कादीपुर का चार्ज दे दिया गया। शासन, प्रशासन, व नेताओ के ऊपर उठ रहे है। सवालिया निशान आस पास के क्षेत्रों में इन दोनों पोस्टिंग को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है।